“प्रतीका रावल: मनोविज्ञान की पढ़ाई छोड़ भारतीय क्रिकेट में मचाया तहलका, जानें इस नई सनसनी की प्रेरक कहानी!”
22 दिसंबर 2024 को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में पदार्पण करने वाली प्रतीका रावल ने भारतीय महिला क्रिकेट में इतिहास रचते हुए टीम की 150वीं कैप्ड खिलाड़ी का गौरव हासिल किया। प्रतीका की कहानी सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है; यह दृढ़ निश्चय, जुनून और कड़ी मेहनत की मिसाल है। मनोविज्ञान की पढ़ाई करते हुए उनके सपने ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर ला खड़ा किया, और इस 24 वर्षीय सलामी बल्लेबाज ने यह साबित कर दिया कि सही दिशा में मेहनत कैसे सपनों को हकीकत में बदल सकती है।
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मनोविज्ञान से क्रिकेट तक का सफर
प्रतीका का सफर बेहद दिलचस्प और अप्रत्याशित रहा है। दिल्ली की रहने वाली प्रतीका ने एक समय मनोविज्ञान में करियर बनाने का सपना देखा था, लेकिन उनकी किस्मत क्रिकेट के साथ बंधी थी। जब उन्होंने क्रिकेट पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया, तो घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
2021 में पहली बार उनकी धमाकेदार पारी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, जब उन्होंने दिल्ली के लिए 155 गेंदों पर 161 रनों की पारी खेली। उनके इस प्रदर्शन ने यह संकेत दे दिया था कि भारतीय क्रिकेट को एक नई स्टार मिलने वाली है। इसके बाद उन्होंने अपने खेल को लगातार निखारा और खुद को एक भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया।
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
प्रतीका के घरेलू क्रिकेट के आंकड़े उनकी मेहनत और प्रतिभा की गवाही देते हैं। अपने डेब्यू सीजन में उन्होंने 49.50 की औसत से 247 रन बनाए, जो किसी भी नई खिलाड़ी के लिए शानदार शुरुआत है। अगले दो सालों में, उन्होंने अपने खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
2022-23 के सीजन में प्रतीका ने 14 मैचों में पांच अर्धशतकों के साथ 552 रन बनाए। इसके अगले साल, उन्होंने सिर्फ 7 पारियों में 411 रन (2 शतक, 2 अर्धशतक) बनाए, उनका औसत 68.50 रहा। यह प्रदर्शन उनके रनों के लिए असीम भूख और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है।
WPL और अंडर-23 ट्रॉफी में धमाल
महिला प्रीमियर लीग (WPL) के उद्घाटन संस्करण में प्रतीका रावल का नाम चर्चा में रहा। उन्होंने ईस्ट दिल्ली राइडर्स का प्रतिनिधित्व करते हुए सिर्फ दो मैचों में 93 रन बनाए, जो टूर्नामेंट में चौथा सर्वाधिक स्कोर था। इसके साथ ही, अंडर-23 टी20 ट्रॉफी में दिल्ली की कप्तानी करते हुए उन्होंने अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी कौशल ने उन्हें घरेलू सर्किट की प्रमुख खिलाड़ी बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नई उम्मीदें
घरेलू क्रिकेट में 54.72 के औसत और 75.58 के स्ट्राइक रेट के साथ 1,368 लिस्ट-ए रन बनाने वाली प्रतीका ने यह साबित किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं। उनकी मेहनत और निरंतरता उन्हें लंबी रेस का खिलाड़ी बनाती है। भारतीय टीम में उनके शामिल होने से बल्लेबाजी क्रम को नई मजबूती मिलेगी।
आगे का सफर
प्रतीका रावल सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि कैसे कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पण से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन उनके प्रदर्शन ने पहले ही बता दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा बनने के लिए तैयार हैं।
क्या प्रतीका रावल भारतीय महिला क्रिकेट की नई सुपरस्टार बनेंगी? अगर उनकी अब तक की यात्रा कोई संकेत है, तो उनका भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल और प्रेरणादायक है।