दिल्ली चलो: शंभू बॉर्डर पर किसानों का भयंकर विरोध, पुलिस का ऐक्शन! देखिए दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो
नई दिल्ली:
किसानों का दिल्ली चलो विरोध प्रदर्शन एक बार फिर से गर्मा गया है। शंभू बॉर्डर पर शनिवार को हिंसक अराजकता का माहौल बना, जब पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की। यह दृश्य काफी खौ़फनाक था और इसने प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच की तानातानी को और बढ़ा दिया।
किसान अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी और अन्य कई लंबित मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। यह उनका तीसरा प्रयास था दिल्ली की ओर मार्च करने का, और इस बार भी जैसे ही किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की, उन्हें पुलिस के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
किसानों का दिल्ली तक मार्च: शंभू बॉर्डर पर मचा हड़कंप
शंभू सीमा पर तैनात पुलिस ने 101 किसानों के जत्थे को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बेतहाशा कोशिश की। किसानों ने पानी की बौछारें और आंसू गैस का सामना किया, जबकि वे दिल्ली की ओर मार्च करने की जिद पर अड़े हुए थे। अंबाला के पुलिस अधीक्षक (SP) ने किसानों से कहा कि वे अधिकारियों से अनुमति लेकर ही दिल्ली की ओर बढ़ सकते हैं। हालांकि, किसानों का कहना था कि उन्हें अपनी मांगों के साथ आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है।
इस पूरी घटना के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में आप देख सकते हैं कि पुलिस ने किस तरह प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हर संभव कदम उठाए। ये दृश्य चौंका देने वाले थे, और पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए।
हरियाणा में इंटरनेट सेवाओं पर रोक: शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम
विरोध प्रदर्शन के कारण हरियाणा सरकार ने शांति बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था। 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक अंबाला के कई गांवों में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को रोक दिया गया था। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना और शांति व्यवस्था बनाए रखना था।
किसान संगठनों ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार जानबूझकर उनकी आवाज को दबाने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर रही है ताकि उनके आंदोलन की जानकारी फैल न सके।
किसानों की प्रमुख मांगें:
किसान नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, ताकि उनके प्रमुख मुद्दों का समाधान हो सके। किसानों की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- MSP पर कानूनी गारंटी: किसानों की सबसे बड़ी मांग यही है कि उनके फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार द्वारा कानूनी रूप से गैर-परिवर्तनीय कर दिया जाए।
- कर्ज माफी और पेंशन: किसानों का कहना है कि सरकार किसानों के कर्ज माफ करे और साथ ही उन्हें पेंशन जैसी सुविधाएं भी प्रदान करे।
- बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं: किसानों का आरोप है कि सरकार बिजली की दरों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है, जो उनके लिए एक भारी बोझ बन रही है।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय: किसान यह चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ित परिवारों को न्याय मिले और उन्हें मुआवजा दिया जाए।
- भूमि अधिग्रहण कानून की बहाली: किसानों की एक अन्य प्रमुख मांग है कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को फिर से लागू किया जाए।
#WATCH | Police use tear gas and water cannon to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu Border.
— ANI (@ANI) December 14, 2024
The farmers have announced to march towards the National Capital-Delhi over their various demands. pic.twitter.com/lAX5yKFarF
#WATCH | Farmers' 'Dilli Chalo' march | Visuals from the Shambhu border where Police use tear gas and water cannon to disperse farmers pic.twitter.com/4d87fElxLZ
— ANI (@ANI) December 14, 2024
किसानों का संघर्ष जारी:
किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले इस आंदोलन को जारी रखा है। उन्होंने पहले भी 6 दिसंबर और 8 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें हरियाणा में पुलिस द्वारा रोक दिया गया था। अब, 14 दिसंबर 2024 को भी उन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका नहीं दिया गया और फिर से पानी की बौछारों और आंसू गैस का सामना करना पड़ा।
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क्या होगा आगे?
किसानों के इस आंदोलन ने अब तक केंद्र सरकार को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन किसानों का हौंसला कम नहीं हुआ है। दिल्ली चलो आंदोलन को लेकर उनके मन में अब भी उसी आत्मविश्वास और संघर्ष का जोश है।
क्या सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान देगी या यह आंदोलन और तेज होगा?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है, लेकिन एक बात तो साफ है कि किसान अपनी आवाज उठाते रहेंगे और कोई भी रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
देखिए वो वीडियो और तस्वीरें जो इस संघर्ष की पूरी कहानी बयान करती हैं!