शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट: सेंसेक्स 1,000 अंक से ज्यादा टूटा, निफ्टी में 300 अंकों की भारी गिरावट!
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ा भूचाल देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और धातु शेयरों में बड़ी गिरावट ने निवेशकों को भारी नुकसान दिया। सुबह के कारोबार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,079.44 अंक टूटकर 80,210.52 पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 330.55 अंकों की गिरावट के साथ 24,218.15 पर बंद हुआ।
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इस गिरावट के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,560.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा। इसके अलावा, फेडरल रिजर्व की संभावित दरों में बढ़ोतरी और कमजोर वैश्विक संकेतों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि चीन द्वारा दी जा रही लगातार प्रोत्साहन घोषणाओं से निवेशकों की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं, क्योंकि वे अपेक्षित परिणाम देने में विफल रही हैं। वहीं, अमेरिका में फेड की मौद्रिक नीति पर नजरें टिकी हैं, जो भारतीय बाजार को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रही है।
कौन से शेयर डूबे और कौन चमके?
सेंसेक्स के प्रमुख स्टॉक्स में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। धातु शेयरों पर बिकवाली का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला।
वहीं, कुछ चुनिंदा शेयरों ने बाजार की गिरावट के बीच मजबूती दिखाई। भारती एयरटेल, नेस्ले, अडानी पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों ने मामूली बढ़त दर्ज की। निफ्टी 50 के तहत केवल 14 शेयरों में तेजी आई, जबकि 36 में गिरावट रही।
टॉप गेनर्स: आयशर मोटर्स, बीपीसीएल, अदानी एंटरप्राइजेज, नेस्ले इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक।
टॉप लूजर्स: टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और हिंडाल्को।
क्या कहते हैं तकनीकी विश्लेषक?
एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने बाजार के तकनीकी स्तरों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “निफ्टी फिलहाल 50- और 100-दिवसीय औसत के बीच कारोबार कर रहा है। 24,430 के आसपास समर्थन की उम्मीद है, जबकि 24,500 का स्तर बुल्स के लिए अहम बना हुआ है। अगर बाजार इस स्तर से नीचे जाता है, तो और गिरावट की संभावना है।”
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि बाजार फिलहाल समेकन के चरण में है, और फेड की दरों पर अंतिम निर्णय तक दबाव बना रहेगा। हालांकि, बजट-पूर्व चरण में कुछ क्षेत्रों जैसे रेलवे, रक्षा, औद्योगिक और आईटी में तेजी की उम्मीद है।
एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख
अन्य एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 1.24% गिरा, हांगकांग का हैंग सेंग 1.46% टूटा, जबकि ताइवान का भारित सूचकांक 0.18% की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। दक्षिण कोरिया का बाजार सकारात्मक रहा।
आगे क्या?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार फिलहाल वैश्विक बाजारों से प्रभावित हो रहा है। लेकिन बजट-पूर्व चरण में कुछ सकारात्मक गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और तकनीकी स्तरों को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।
यह गिरावट निवेशकों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि बाजार में तेजी और मंदी का खेल लगातार जारी रहेगा। ऐसे में सोच-समझकर निवेश करना ही सबसे सुरक्षित उपाय है। क्या बाजार की यह गिरावट आपको भी सोचने पर मजबूर कर रही है? अपनी राय कमेंट में बताएं!