आरबीआई का बड़ा फैसला! 12 साल बाद लौटी एटीएम कैश रिट्रैक्शन सुविधा, जानिए कैसे बचेंगे धोखाधड़ी से
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक ऐसा कदम उठाया है जो एटीएम से पैसे निकालने वालों के लिए बेहद अहम है। 12 साल पहले बंद की गई कैश रिट्रैक्शन सुविधा को आंशिक रूप से फिर से बहाल किया गया है। यह वही सुविधा है जो एटीएम से कैश निकालने में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी। अब अगर आप एटीएम से पैसा निकालने के बाद उसे डिस्पेंसर से समय पर नहीं उठाते हैं, तो मशीन नोटों को वापस खींच लेगी।
यह भी पढ़ें: सिर्फ 5 रुपये का स्टॉक बना करोड़ों का खेल! 5 साल में 3000% का रिटर्न, आज फिर हिट अपर सर्किट!
क्या है कैश रिट्रैक्शन सुविधा?
कैश रिट्रैक्शन सुविधा (Cash Retraction Facility) एटीएम की एक ऐसी तकनीक है, जिसके तहत अगर ग्राहक मशीन से निकले नोटों को एक निर्धारित समय में नहीं उठाता, तो एटीएम मशीन उन्हें वापस खींच लेती है। इसके बाद यह रकम सीधे ग्राहक के खाते में लौट जाती है।
आरबीआई ने 2012 में इस सुविधा को बंद करने का निर्णय लिया था। इसका कारण था, जालसाजों द्वारा इस सुविधा का दुरुपयोग। कई मामलों में देखा गया कि जालसाज मशीन के पास छेड़छाड़ करके कैश रिट्रैक्शन प्रक्रिया का फायदा उठाते थे। लेकिन हाल ही में सामने आई नई चुनौतियों और धोखाधड़ी के मामलों ने आरबीआई को इस सुविधा को दोबारा लागू करने पर मजबूर कर दिया।
कैसे धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे थे?
2012 में सुविधा बंद करने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में एटीएम से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ अपराधी एटीएम डिस्पेंसर पर फर्जी उपकरण लगाकर लोगों के पैसे निकाल लेते थे। इनमें से एक तकनीक है ‘कैश शटर ओवरले’, जिसमें एटीएम के कैश डिस्पेंसर के ऊपर एक नकली कवर लगाया जाता है।
जब ग्राहक एटीएम से पैसे निकालता है, तो नकली शटर के कारण नोट बाहर नहीं आते। ग्राहक को लगता है कि पैसे नहीं निकले और वह वहां से चला जाता है। बाद में जालसाज इस नकली शटर से पैसे निकाल लेते हैं।
इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए बैंक और एटीएम ऑपरेटर ने आरबीआई से इस सुविधा को दोबारा लागू करने की सिफारिश की।
कैसे काम करेगी नई रिट्रैक्शन सुविधा?
अब, अगर आप एटीएम से पैसा निकालते हैं और 15 सेकंड के भीतर उसे नहीं उठाते, तो मशीन नोटों को वापस खींच लेगी। यह पैसा सीधे आपके खाते में जमा हो जाएगा। इससे न केवल धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी, बल्कि ग्राहकों के लिए भी सुरक्षा बढ़ेगी।
हालांकि, बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा हर एटीएम पर लागू नहीं होगी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां धोखाधड़ी के ज्यादा मामले सामने आए हैं।
बैंक और एटीएम नेटवर्क क्या कह रहे हैं?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), जो भारत के एटीएम नेटवर्क का संचालन करता है, ने इस मुद्दे पर सभी बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों के साथ विचार-विमर्श किया। NPCI ने एक पत्र में कहा है कि यह सुविधा फर्जी उपकरणों से जुड़े मामलों को रोकने में कारगर होगी।
इसके साथ ही, बैंकर्स ने आरबीआई से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि इस सुविधा के चलते ग्राहकों को असुविधा न हो।
ग्राहकों के लिए क्या है जरूरी?
- तेजी से कैश उठाएं: अब जब आप एटीएम से पैसा निकालें, तो 15 सेकंड के भीतर कैश उठाना जरूरी होगा। अन्यथा, आपका पैसा वापस खाते में चला जाएगा।
- एटीएम के आसपास सतर्क रहें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत बैंक को दें।
- संदिग्ध उपकरणों पर ध्यान दें: कैश डिस्पेंसर या कार्ड स्लॉट पर कोई छेड़छाड़ दिखे, तो इसका उपयोग न करें।
- क्या है इस फैसले का मकसद?
- आरबीआई का यह फैसला धोखाधड़ी रोकने और ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिया गया है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इसे लागू करने के बाद क्या धोखाधड़ी के मामलों में कमी आती है।तो, अगली बार जब आप एटीएम से पैसा निकालें, तो 15 सेकंड का नियम जरूर याद रखें। थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।