संध्या थिएटर भगदड़: पवन कल्याण का अल्लू अर्जुन पर बड़ा बयान, बोले – ‘पीड़ित परिवार से पहले क्यों नहीं मिला कोई?’
विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश में संध्या थिएटर की भगदड़ ने सिनेमा जगत और राजनीति दोनों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने भावुक बयान दिया। पवन ने न केवल इस घटना में जान गंवाने वाली रेवती के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की, बल्कि फिल्म उद्योग और जिम्मेदार लोगों की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
मंगलगिरी स्थित अपने कैंप कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पवन कल्याण ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसी घटनाओं के बाद आत्मनिरीक्षण और मानवता सबसे ज़रूरी होती है। उन्होंने कहा, “अगर अल्लू अर्जुन की ओर से कोई पहले पीड़ित परिवार से मिलता तो बेहतर होता। यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संवेदनशीलता दिखाने का समय था। ऐसी घटनाओं के बाद फिल्म उद्योग को एकजुट होकर रेवती के परिवार का साथ देना चाहिए था और इस त्रासदी को एक गलती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।”
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पवन कल्याण ने यह भी कहा कि सिनेमा एक सामूहिक प्रयास है और किसी एक व्यक्ति पर दोष मढ़ना अनुचित है। उन्होंने अल्लू अर्जुन का बचाव करते हुए कहा, “सिनेमा केवल अभिनेता का नहीं होता, बल्कि पूरी टीम की जिम्मेदारी होती है। अतीत में चिरंजीवी भी प्रशंसकों के साथ फ़िल्म देखने के लिए थिएटर जाते थे। ऐसे समय में लिए गए निर्णय अक्सर परिस्थितिजन्य होते हैं, और अल्लू अर्जुन को अकेले दोष देना सही नहीं है। दुर्भाग्य से, ‘पुष्पा’ की टीम ने सारा दोष अल्लू अर्जुन पर डाल दिया और उन्हें इस विवाद में अकेला छोड़ दिया।”
रेवंत रेड्डी की भूमिका पर चर्चा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के फिल्म उद्योग को समर्थन देने के प्रयासों का ज़िक्र करते हुए पवन ने उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा, “रेवंत रेड्डी एक मजबूत नेता हैं जो साधारण पृष्ठभूमि से उभरे हैं। उनकी नीतियों ने फिल्म उद्योग को लचीलापन प्रदान किया है, जिसमें टिकट की कीमतों में वृद्धि की अनुमति शामिल है। इससे ‘सालार’ और ‘पुष्पा 2’ जैसी फिल्मों को बड़े कलेक्शन करने में मदद मिली।”
पवन ने कहा कि रेवंत रेड्डी ने पुलिस कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं किया और अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों के आधार पर हुई। उन्होंने कहा, “अगर यह घटना मेरे साथ होती, तो रेवंत भी ऐसा ही करते। यह मामला इतना सरल नहीं है कि इसे आसानी से समाप्त किया जा सके। रेवंत ने अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाया।”
जन सेना बनाम वाईएसआरसीपी विवाद
इस विवाद ने राजनीतिक रंग तब लिया जब पवन कल्याण के समर्थकों ने अल्लू अर्जुन को वाईएसआरसीपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने को लेकर निशाना बनाया। पवन के प्रशंसकों का कहना है कि अल्लू अर्जुन ने 2024 के चुनावों के दौरान वाईएसआरसीपी नांदयाल विधानसभा के उम्मीदवार शिल्पा रविचंद्र रेड्डी के लिए प्रचार किया था, जो जन सेना पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं।
पवन कल्याण ने हालांकि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “यह समय सहानुभूति और मानवता दिखाने का है, न कि राजनीतिक लाभ लेने का। फिल्म उद्योग को ऐसी घटनाओं से सीखना चाहिए और भविष्य में इस तरह की गलतियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”
भगदड़ में रेवती की मौत पर पवन का दर्द
रेवती की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए पवन ने कहा कि यह घटना केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता का उदाहरण है। उन्होंने कहा, “रेवती जैसी युवा लड़की का इस तरह से जाना बेहद दुखद है। फिल्म उद्योग और प्रशासन दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
क्या है आगे का रास्ता?
संध्या थिएटर भगदड़ की इस घटना ने फिल्म उद्योग और प्रशासन को गंभीर सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। पवन कल्याण ने इस मौके पर फिल्म उद्योग से अपील की कि वे आत्मनिरीक्षण करें और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए एकजुट होकर काम करें।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्टारडम और राजनीति के बीच संतुलन बनाना कितना मुश्किल हो सकता है। पवन कल्याण ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, “फिल्म उद्योग केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। हमें इस जिम्मेदारी को समझना होगा और उसी के अनुसार व्यवहार करना होगा।”
यह देखना दिलचस्प होगा कि पवन कल्याण के इस बयान के बाद अल्लू अर्जुन और फिल्म उद्योग की प्रतिक्रिया क्या होगी। क्या यह विवाद जल्द समाप्त होगा, या यह फिल्म उद्योग और राजनीति के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा?