महाराष्ट्र में राजनीति का घमासान, एकनाथ शिंदे के शपथ ग्रहण को लेकर बढ़ी सस्पेंस की स्थिति!
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण से कुछ घंटों पहले एकनाथ शिंदे खेमे के नेता उदय सामंत ने एक बयान दिया है, जिसने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी। सामंत ने साफ कहा कि अगर एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते, तो शिवसेना का कोई भी विधायक नई सरकार में कोई पद नहीं लेगा। सामंत ने यह भी कहा, “अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद नहीं लेते, तो हम किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करेंगे।” यह बयान शिवसेना के भीतर की खींचतान और सत्ता की लड़ाई को और हवा दे रहा है।
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राज्य में सत्ता की नजदीकी स्थिति को देखते हुए यह बयान शिवसेना के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, खासकर जब पार्टी के लगभग 60-61 विधायक शिंदे को ही अपना नेता मानते हैं। शिंदे को लेकर शिवसेना के विधायकों की यह एकजुटता उनके लिए मजबूती का संकेत है, लेकिन दूसरी ओर, शिंदे का खुद उपमुख्यमंत्री बनने के बारे में अनिच्छा इस राजनीतिक विवाद को और गहरा सकती है। शिंदे और उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में ही अपनी भूमिका निभानी चाहिए, न कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर।
शिवसेना नेताओं की बुलाई गई बैठक और शिंदे की स्थिति
उदय सामंत ने यह भी कहा कि शिंदे की इच्छा से कहीं ज्यादा पार्टी विधायकों की चाहत है कि वह सरकार में महत्वपूर्ण पद संभालें। उन्होंने यह भी कहा, “हम चाहते हैं कि शिंदे सरकार में हमारी अगुवाई करें, यह हमारी साफ-साफ इच्छा है।” सामंत के अनुसार, शिंदे राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी के पक्ष को मजबूत करेंगे, लेकिन पार्टी की प्राथमिकता है कि शिंदे उपमुख्यमंत्री बनें और प्रशासन का हिस्सा बनें।
इससे पहले, शिंदे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना शपथ ग्रहण विलंबित कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने मुंबई लौटने का निर्णय लिया है और जल्द ही राजनीतिक परिदृश्य में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं। शिंदे के पक्ष में विधायकों और सांसदों की एक बड़ी संख्या है, जो उनके नेतृत्व में सत्ता की बागडोर चाहते हैं। इन सभी राजनीतिक समीकरणों के बीच, राज्य की राजनीति में एक नई तरह की सस्पेंस स्थिति बन चुकी है।
क्या शिंदे स्वीकार करेंगे उपमुख्यमंत्री का पद?
इसी बीच, महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उन्होंने एकनाथ शिंदे से इस बारे में बात की है और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने के लिए मनाने की कोशिश की है। फडणवीस ने यह भी कहा कि यह सिर्फ शिंदे की इच्छा नहीं, बल्कि शिवसेना और महायुति के सभी सदस्यों की इच्छा है कि शिंदे को सरकार में एक प्रमुख पद पर रखा जाए। इसके बावजूद, शिंदे ने इस पर अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है कि वह उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करेंगे या नहीं।
Watch: Shiv Sena MLA Uday Samant on NCP–SP Jitendra Awhad's meeting with CM Eknath Shinde, says, "In politics, there is no code of conduct about who is friends with whom. Awhad and Shinde both are from Thane and that is why they are friends and will remain together..." pic.twitter.com/uFu81n2cf3
— IANS (@ians_india) November 29, 2024
क्या होगा आगे?
अब जब देवेंद्र फडणवीस को गुरुवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करना है, इस बीच यह सवाल बना हुआ है कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करेंगे या नहीं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनने की पेशकश की जा सकती है, लेकिन शिंदे के इस पद को स्वीकार करने पर फिलहाल कोई पुष्टि नहीं है।
राजनीति में यह तकरार यह दिखाती है कि महाराष्ट्र में सत्ता के लिए संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। शिंदे और फडणवीस के बीच की इस चुप्पी को लेकर राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह राज्य में और भी अधिक उथल-पुथल का कारण बन सकता है। आगामी दिनों में इस राजनीतिक ड्रामे का कोई बड़ा मोड़ आ सकता है, और यह भी हो सकता है कि शिंदे किसी अन्य भूमिका को स्वीकार करें, जो उनके समर्थकों को संतुष्ट कर सके।
अब देखना यह है कि महाराष्ट्र की राजनीति में शिंदे और फडणवीस के बीच का यह पेंच किस दिशा में जाएगा और सत्ता के इस संघर्ष में किसकी जीत होती है!