दक्षिण कोरिया में बड़ा सियासी धमाका: आपातकालीन मार्शल लॉ लागू, राष्ट्रपति ने राज्य विरोधी ताकतों को दी चेतावनी!
सियोल: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। मंगलवार को उन्होंने आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए विपक्ष पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने विपक्षी दलों को “राज्य विरोधी ताकतें” और “शासन को उखाड़ फेंकने पर आमादा” करार दिया। यह ऐलान ऐसे समय हुआ जब संसद में अगले साल के बजट पर तीखा विवाद चल रहा था।
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राष्ट्रपति यून ने राष्ट्र के नाम लाइव संबोधन में कहा,
“उत्तर कोरिया की साम्यवादी ताकतों के खतरों से दक्षिण कोरिया की रक्षा करने और लोगों की स्वतंत्रता व खुशी को लूटने वाले राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए, मैं आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं।”
संसद में घमासान और राष्ट्रपति का पलटवार
इस राजनीतिक नाटक की शुरुआत तब हुई जब यून की पीपुल्स पावर पार्टी और मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच बजट पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने यून के 677 ट्रिलियन वॉन के बजट प्रस्ताव में 4.1 ट्रिलियन वॉन (लगभग $2.8 बिलियन) की कटौती कर दी। यह कटौती राष्ट्रपति के कार्यालय, पुलिस, अभियोजन पक्ष, और अन्य प्रमुख सरकारी एजेंसियों के बजट में की गई, जिससे यून की नाराजगी और बढ़ गई।
विपक्ष पर गंभीर आरोप
यून ने विपक्षी सांसदों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“हमारी राष्ट्रीय विधानसभा अपराधियों के लिए आश्रय स्थल बन गई है। यह एक ऐसी विधायी तानाशाही का अड्डा है जो न्यायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को पंगु बनाकर हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को पलट देना चाहती है।”
उन्होंने विपक्ष पर देश को “नशीली दवाओं का स्वर्ग” और “सार्वजनिक सुरक्षा अराजकता” में बदलने का आरोप लगाया।
मार्शल लॉ के बाद क्या बदला?
मार्शल लॉ लागू होने के साथ ही देश की सभी सैन्य इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। नेशनल असेंबली के दरवाजे सील कर दिए गए हैं, और सांसदों को प्रवेश से रोक दिया गया है। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यून ने आपातकालीन अलर्ट और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आदेश दिया है।
स्वीकृति रेटिंग में गिरावट का दबाव
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब यून की स्वीकृति रेटिंग में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। हाल ही में गैलप द्वारा किए गए सर्वे में उनकी लोकप्रियता 19 प्रतिशत पर आ गई थी। इस गिरावट के पीछे उनकी आर्थिक नीतियों और पत्नी किम कीन ही से जुड़े विवादों पर जनता की नाराजगी को माना जा रहा है।
राजनीतिक संकट या रणनीतिक चाल?
विश्लेषकों के मुताबिक, मार्शल लॉ की घोषणा यून का एक “साहसी लेकिन जोखिम भरा कदम” हो सकता है। यह कदम उनके आलोचकों को चुप कराने और अपनी सत्ता को मजबूत करने का एक प्रयास भी माना जा रहा है। विपक्ष इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बता रहा है।
राष्ट्रपति का संदेश और भविष्य की राह
यून ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि,
“मैं जल्द से जल्द राज्य विरोधी ताकतों से छुटकारा पाकर देश को सामान्य स्थिति में लाऊंगा।”
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मार्शल लॉ कितने समय तक लागू रहेगा और इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे।
दक्षिण कोरिया में इस घटनाक्रम ने न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। अब सवाल यह है कि क्या यून का यह कदम लोकतंत्र की रक्षा करेगा, या इसे और गहरे संकट में धकेल देगा?