बालाघाट: रहस्यमयी पेड़ बिना जड़ के शिव मंदिर की छत पर, भक्तों के लिए बना आस्था का केंद्र
बालाघाट: आपने हमेशा सुना होगा कि पेड़-पौधे अपनी भोजन निर्माण प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण से पूरा करते हैं। इसमें सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और खनिज लवण मिलकर मुख्य भूमिका निभाते हैं। लेकिन क्या हो जब किसी पेड़ की जड़ ही न हो? बालाघाट में एक ऐसा ही चमत्कारिक पेड़ है, जिसकी जड़ का कोई अता-पता नहीं है। यह पेड़ बालाघाट के कटंगी शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर जाम गांव के शिव मंदिर की छत पर उगा है।
600 साल पुराना मंदिर और रहस्यमयी पेड़
जाम गांव के लोग बताते हैं कि यह मंदिर 600 साल पुराना है और दावा है कि इस मंदिर का निर्माण रातोंरात हुआ था। मंदिर की छत पर उगा यह पेड़ भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सबसे अजीब बात यह है कि इस पेड़ की जड़ें कहां हैं, इसका आज तक कोई पता नहीं चला।
वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
बॉटनी के कई विद्वान और शोधकर्ता इस पेड़ का अध्ययन करने आए, लेकिन यह समझने में नाकाम रहे कि यह पेड़ कैसे जीवित है। पेड़ की शाखाएं और पत्ते सामान्य हैं, लेकिन जड़ का न होना इसे रहस्यमयी बनाता है। गर्मियों में पेड़ सूख जाता है, लेकिन बारिश होते ही यह फिर से हरा-भरा हो जाता है।
तूफानों में भी अडिग रहता है पेड़
गांववालों का दावा है कि भीषण तूफानों के बावजूद इस पेड़ की एक शाखा तक नहीं गिरी। जबकि आसपास के अन्य पेड़ गिर जाते हैं, यह पेड़ अडिग खड़ा रहता है।
आस्था का केंद्र बना रहस्यमयी पेड़
सावन और महाशिवरात्रि पर यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। बालाघाट के अलावा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु इस प्राचीन शिव मंदिर और रहस्यमयी पेड़ का दर्शन करने आते हैं।
यह पेड़ न केवल वैज्ञानिकों के लिए पहेली है, बल्कि भक्तों के लिए आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन चुका है।