गाड़ियों पर लगे ये रंगीन स्टिकर आखिर क्यों? जानिए उनके पीछे छिपा अनोखा और जरूरी कारण!
दुनिया में हर देश के यातायात नियम और वाहन चलाने के तरीकों में कई रोचक अंतर होते हैं। लेकिन जापान में गाड़ियों पर लगने वाले रंग-बिरंगे स्टिकर का नियम हर किसी का ध्यान आकर्षित करता है। ये स्टिकर कोई सजावट नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण संकेत होते हैं, जिनका मतलब जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
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जापान में गाड़ियों पर रंगीन स्टिकर लगाने का प्रचलन न केवल अनोखा है बल्कि सुरक्षा और सावधानी के लिए भी बेहद जरूरी है। यह स्टिकर अलग-अलग रंगों और डिज़ाइनों में होते हैं, और इनका हर रंग एक खास संदेश देता है। उदाहरण के तौर पर, गाड़ियों पर एक खास “कोरिषा मार्क” यानी वृद्ध ड्राइवर के संकेत के लिए उपयोग किया जाता है। यह 70 साल या उससे अधिक उम्र के ड्राइवरों को चिह्नित करता है।पहले, यह निशान पेड़ के पत्ते जैसा दिखता था, लेकिन 2011 के बाद इसे तीन रंगों – लाल, हरा और पीला – के साथ संशोधित किया गया। इस स्टिकर को गाड़ी के आगे और पीछे लगाया जाता है ताकि अन्य वाहन चालकों को सावधान किया जा सके कि गाड़ी एक वरिष्ठ नागरिक चला रहे हैं।

इस स्टिकर का महत्व
इस स्टिकर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सड़क पर बाकी ड्राइवर वरिष्ठ नागरिकों के प्रति धैर्य और सतर्कता बरतें। वृद्ध ड्राइवरों को कभी-कभी तुरंत निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है, इसलिए अन्य वाहन चालकों को उनके साथ विशेष ध्यान रखना चाहिए।
यह स्टिकर न केवल वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि दूसरों को भी याद दिलाता है कि सड़क पर धैर्य और समझदारी दिखाना कितना महत्वपूर्ण है। ओवरटेक करने, पास से गुजरने, या उनके सामने अचानक ब्रेक लगाने जैसी स्थितियों में यह संकेत बेहद उपयोगी साबित होता है।
नए ड्राइवरों के लिए भी खास स्टिकर
जापान में सिर्फ वरिष्ठ नागरिक ही नहीं, बल्कि नए ड्राइवरों के लिए भी अलग स्टिकर का उपयोग किया जाता है, जिसे “शोशिंशा मार्क” कहा जाता है। यह हरे और पीले रंग का होता है और नए ड्राइवरों की गाड़ियों पर लगाया जाता है। इसका मकसद अन्य चालकों को सतर्क करना है कि गाड़ी चलाने वाला व्यक्ति अनुभवहीन है और अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
हाल ही में, इंस्टाग्राम अकाउंट @allstarsteven पर एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें इन स्टिकर्स के उपयोग और उनके पीछे छिपे विचार के बारे में बताया गया। यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया और इसे 15 लाख से अधिक बार देखा गया। कई यूजर्स ने इस वीडियो पर मजेदार कमेंट्स किए।
एक यूजर ने लिखा, “70 साल से ऊपर के लोगों को गाड़ी चलानी ही नहीं चाहिए।” वहीं, एक अन्य ने मजाक में कहा, “इसका मतलब है कि इस ड्राइवर के पास चलाना खतरनाक हो सकता है!” लेकिन ज्यादातर लोगों ने इस विचार को सराहा और इसे भारत जैसे देशों में लागू करने की सलाह दी।
क्या भारत में भी ऐसे नियम लागू होने चाहिए?
जापान के इन नियमों को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या भारत में भी ऐसा कोई संकेतक सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। भारतीय सड़कों पर हर उम्र और अनुभव के लोग गाड़ियां चलाते हैं। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों या नए ड्राइवरों के लिए इस तरह का स्टिकर सिस्टम निश्चित रूप से सड़कों को अधिक सुरक्षित बना सकता है।
न केवल सुरक्षा, बल्कि जागरूकता भी
जापान के इस स्टिकर सिस्टम का मुख्य उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाना भी है। यह दिखाता है कि यातायात नियम केवल नियम नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की भलाई के लिए बनाए जाते हैं।
जापान के इन रंगीन स्टिकर्स का मतलब समझकर यह साफ हो जाता है कि सड़क सुरक्षा केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास है। चाहे वह वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हो या नए ड्राइवरों की मदद, हर एक संकेतक एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। तो अगली बार जब आप जापान जाएं और सड़क पर ये स्टिकर देखें, तो उनकी अहमियत को समझें और सावधानी बरतें।
क्या आप भी चाहते हैं कि भारत में ऐसे नियम लागू हों? आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं!